नई दिल्ली, 29 मई . केंद्र सरकार ने केंद्र प्रायोजित योजनाओं(सीएसएस) और केंद्रीय क्षेत्र की योजनाओं (सीएस) के मूल्यांकन और अनुमोदन की पांच साल की प्रक्रिया शुरू की है.
वित्त मंत्रालय के व्यय विभाग ने गुरुवार को भारत सरकार के विभिन्न मंत्रालयों और विभागों के सचिवों के साथ एक आधे दिन की कार्यशाला आयोजित की और अगले पांच वर्षों में जारी रखने के लिए ‘केंद्र प्रायोजित योजनाओं (सीएसएस) और केंद्रीय क्षेत्र की योजनाओं (सीएस) के मूल्यांकन और अनुमोदन’ के लिए एक विस्तृत अभ्यास शुरू किया. नया 5 वर्षीय चक्र 1 अप्रैल, 2026 से शुरू होगा और 16वें वित्त आयोग (एफसी) चक्र के साथ संरेखित है.
मंत्रालय के मुताबिक इस कार्यशाला की अध्यक्षता कैबिनेट सचिव डॉ. टी.वी. सोमनाथन ने की. कार्यशाला में वित्त सचिव और आर्थिक मामलों के विभाग के सचिव अजय सेठ, व्यय विभाग के सचिव वुमलुनमंग वुलनाम और भारत सरकार के विभिन्न मंत्रालयों और विभागों के सचिव शामिल हुए. विभिन्न मंत्रालयों के वित्तीय सलाहकार और अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी कार्यशाला में मौजूद थे.
उल्लेखनीय है कि सरकार की घोषित नीति के अनुसार नीति आयोग में विकास निगरानी मूल्यांकन संगठन (डीएमईओ) सीएसएस का मूल्यांकन कर रहा है, जबकि सीएस का मूल्यांकन संबंधित मंत्रालयों द्वारा चयनित तीसरे पक्ष की एजेंसियों द्वारा किया जा रहा है.
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/ प्रजेश शंकर
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