हरिद्वार, 11 अक्टूबर (Udaipur Kiran News) . Indian शिक्षा बोर्ड द्वारा मान्यता प्राप्त पतंजलि गुरुकुलम् का वार्षिकोत्सव पतंजलि विश्वविद्यालय सभागार में सम्पन्न हुआ. कार्यक्रम में शीर्ष संतों के मध्य पतंजलि योगपीठ के परामाध्यक्ष स्वामी रामदेव ने कहा कि हमारे प्राचीन गुरुकुलों में शिक्षित विद्यार्थी विश्व का नेतृत्व करते थे.
पतंजलि गुरुकुलम् भी प्राचीन ऋषि परंपरा का अनुसरण कर विद्यार्थियों को विश्व नेतृत्व के लिए तैयार कर रहा है. गुरुकुलम् में 12वीं कक्षा तक देश के लगभग सभी प्रांतों के बच्चे अध्ययनरत हैं. स्वामी जी ने कहा कि पतंजलि गुरुकुलम् के आचार्यगण विद्यार्थियों के चरित्र निर्माण में अहम भूमिका निभा रहे हैं जिससे उनका जीवन का उत्कर्ष प्राप्त कर रहा है.
जूना पीठाधीश्वर आचार्य महामण्डलेश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरि ने कहा कि पतंजलि गुरुकुलम् भारत की कालजयी, मृत्युंजयी संस्कृति, आर्ष परंपरा और वैदिक संवेदनाओं के संरक्षण-संवर्धन की अद्भुत प्रयोगशाला है. पतंजलि गुरुकुलम् के विद्याथिर्यों में मानवीय चेतना का उन्नत स्वरूप जागृत हो रहा है.
आचार्य बालकृष्ण ने कहा कि पतंजलि गुरुकुलम् से Indian संस्कृति, सनातन परंपराओं व मान्यताओं को बल मिला है. पतंजलि में बच्चे न केवल ज्ञानार्जन कर रहे हैं अपितु संस्कारित भी हो रहे हैं.
परमार्थ निकेतन, ऋषिकेश के परमाध्यक्ष स्वामी चिदानंद मुनि ने कहा कि देश के वास्तविक इतिहास के मूल में सनातन ही है. आज का समय भारत को भारत की आँखों से देखने का है और पतंजलि गुरुकुलम् इसमें अहम भूमिका निभा रहा है.
कार्यक्रम में पतंजलि गुरुकुल ज्वालापुर, पतंजलि कन्या गुरुकुलम् देवप्रयाग, पतंजलि गुरुकुलम् हरिद्वार के विद्यार्थियों ने सांस्कृतिक कार्यक्रम, नृत्य तथा नाट्य प्रस्तुतियाँ दीं जिससे उपस्थित अतिथिगण अभीभूत थे.
पतंजलि गुरुकुलम् के अष्टम वार्षिकोत्सव में साध्वी भगवती जी, Indian शिक्षा बोर्ड के कार्यकारी अध्यक्ष डॉ. एन.पी. सिंह आदि ने आशीर्वाद उद्बोधन से विद्याथिर्यों को अभिषिक्त किया. इस अवसर पर माता गुलाब देवी, डॉ. यशदेव शास्त्री, साध्वी आचार्या देवप्रिया, डॉ. ऋतंभरा शास्त्री, बहन अंशुल शर्म आदि मौजूद रहे.
(Udaipur Kiran) / डॉ.रजनीकांत शुक्ला
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