नई दिल्ली, 20 अप्रैल . अप्रैल महीने के शुरुआती 2 सप्ताह के दौरान बिकवाल (सेलर) की भूमिका निभाने के बाद विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक (एफपीआई) 15 से 17 अप्रैल के कारोबारी सप्ताह के दौरान लिवाल (बायर) की भूमिका में नजर आए. 3 दिन के इस कारोबारी सप्ताह के दौरान विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों ने स्टॉक मार्केट में वापसी करते हुए खरीद-बिक्री को मिला कर करीब 8,500 करोड़ रुपये का निवेश किया.
डिपॉजिटरी से मिले आंकड़ों के अनुसार 17 अप्रैल को खत्म हुए सप्ताह के पहले कारोबारी दिन यानी 15 अप्रैल को विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों ने 2,352 करोड़ रुपये के शेयरों की बिक्री की. इसके बाद 16 और 17 अप्रैल को उन्होंने स्टॉक मार्केट में कुल 10,824 करोड़ रुपये का निवेश किया. इस तरह 3 दिन के इस कारोबारी सप्ताह के दौरान विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों ने शेयर बाजार में कुल 8,472 करोड़ रुपये का निवेश किया. इस सप्ताह 14 अप्रैल को डॉ. बाबासाहेब अंबेडकर जयंती और 18 अप्रैल को गुड फ्राइडे की छुट्टी होने की वजह से शेयर बाजार में कोई कारोबार नहीं हुआ था.
आंकड़ों के अनुसार अप्रैल के महीने में एफपीआई ने अभी तक स्टॉक मार्केट में खरीद बिक्री मिला कर कुल 23,103 करोड़ रुपये की निकासी की है. अप्रैल के अभी तक के आंकड़ों को मिला लें, तो साल 2025 में उन्होंने भारतीय शेयर बाजार से अभी तक कुल 1,39,677 करोड़ रुपये की निकासी की है. अप्रैल के पहले मार्च के महीने में एफपीआई ने 3,973 करोड़ रुपये की शुद्ध निकासी की थी. इसके पहले फरवरी में एफपीआई द्वारा स्टॉक मार्केट से की गई शुद्ध निकासी का आंकड़ा 34,574 करोड़ रुपये रहा था, जबकि जनवरी में विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों ने स्टॉक मार्केट से खरीद बिक्री मिला कर कुल 78,027 करोड़ रुपये की निकासी की थी.
मार्केट एक्सपर्ट्स का कहना है कि अप्रैल महीने की शुरुआत में भी अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा रेसिप्रोकल टैरिफ का दबाव बनाए जाने की वजह से शुरुआती 2 सप्ताह के कारोबार के दौरान एफपीआई ने खरीद-बिक्री मिला कर काफी आक्रामक अंदाज में कुल 31,575 करोड़ रुपये की बिकवाली की थी. हालांकि, इसके बाद टैरिफ व्यवस्था में राहत मिलने की वजह से वैश्विक व्यापार में तनाव घटने की उम्मीद बन गई. इसके साथ ही भारत की मजबूत घरेलू अर्थव्यवस्था और भारतीय शेयर बाजार में पिछले कुछ महीने के दौरान हुए करेक्शन की वजह से शेयरों का वैल्यूएशन आकर्षक हो जाने के कारण विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों ने इस सप्ताह बिकवाली करने की जगह लिवाली करने पर ज्यादा ध्यान दिया.
कोटक सिक्योरिटीज के इक्विटी रिसर्च हेड श्रीकांत चौहान का कहना है कि डॉलर इंडेक्स में आई गिरावट और डॉलर की तुलना में रुपये की कीमत में आई मजबूती की वजह से भी विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक अब भारत जैसे विकासशील देशों की ओर अपना रुख कर रहे हैं. इसके साथ ही अमेरिका और चीन के बीच टैरिफ को लेकर बनी कड़वाहट के कारण इन दोनों देशों की विकास दर में कमी आने की आशंका बनी हुई है. दूसरी ओर, निगेटिव ग्लोबल सेंटीमेंट्स के बावजूद 2025-26 के दौरान भारत की विकास दर 6 प्रतिशत या इससे अधिक रहने की उम्मीद बनी हुई है. इस वजह से भी विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक कई बार तात्कालिक वजहों से भले ही बिकवाली की राह पकड़ते हैं, लेकिन जैसे ही परिस्थितियों में थोड़ा भी सुधार होता है, वे भारतीय शेयर बाजार में लिवाल के तौर पर लौटने लगते हैं.
—————
/ योगिता पाठक
You may also like
2025 Ducati Scrambler Full Throttle Launched in India at ₹12.60 Lakh: A Fusion of Style, Power, and Precision
Rashifal 22 April 2025: इन राशियों के जातकों के लिए शुभ होगा दिन, आपका कोई रूका काम हो सकता हैं पूरा, जाने क्या कहता हैं आपका राशिफल
ऑनलाइन बुकिंग के नाम पर हो रही ठगी! I4C ने जारी किया अलर्ट, जानिए कैसे बचें इन साइबर जालसाजों से
फर्जी दस्तावेज तैयार कर वर्क परमीट पर विदेश भेजने के नाम पर लाखों रुपये की ठगी करने वाला शातिर ठग पुलिस गिरफ्त में
शी चिनफिंग की दक्षिण-पूर्व एशिया यात्रा का परिचय