नारायणपुर, 27 मई . छत्तीसगढ़ के नारायणपुर जिले के अबूझमाड़ में हुई मुठभेड़ में नक्सलियाें के 27 शव के साथ कई हथियार भी बरामद किए हैं, जिसमें एके-47 राइफल –तीन, एसएलआर – चार, इंसास राइफल– छह, बीजीएल लॉन्चर –एक, सुरका (रॉकेट लॉन्चर)– दो, 12 बोर बंदूक–दो, पिस्तौल–एक, भरमार–दो बरामद किए गये. इनमें से चार हथियार वर्ष 2010 में ताड़मेटला और 2017 में बुरकापाल मुठभेड़ के बाद जवानों से लूटे हुए थे, जिसे बरामद कर लिया गया है.
गाैरतलब है कि वर्ष 2010 में दंतेवाड़ा जिले के ताड़मेटला में नक्सलियों ने जवानों को एंबुश में फंसाया था. इस नक्सली हमले की पूरी याेजना नक्सली नम्बाला केशव राव उर्फ बसवा राजू ने बनाई थी. इस मुठभेड़ में सीआरपीएफ के 76 जवान बलिदान हुए थे. यह देश का सबसे बड़ा नक्सल हमला था. इस हमले के बाद नक्सलियों ने जवानों के सभी हथियार लूट लिए थे. इसी तरह वर्ष 2017 में नक्सलियों ने सुकमा जिले के बुरकापाल में सीआरपीएफ जवानों पर हमला किया था. इस हमले में 25 जवानों का बलिदान हुआ था. इस मुठभेड़ के बाद भी नक्सलियों ने जवानों के हथियार लूटे थे. उस दाैरान नक्सलियाें ने बकायदा जवानाें से लूटे गये हथियाराें का वीडियाे बनाकर प्रर्दशित किया था.
नारायणपुर एसपी प्रभात कुमार ने इसकी पुष्टि करते हुए बताया कि बरामद हथियाराें में बीते 21 मई को डीआरजी के जवानों ने दंतेवाड़ा जिले के ताड़मेटला हमले (अप्रैल 2010) के दौरान 10 करोड़ के इनामी नक्सली नम्बाला केशव राव उर्फ बसवा राजू और उसके साथियों द्वारा सुरक्षा बलों से लूटी गई एके-47 राइफल को पुनः बरामद कर लिया है. अबूझमाड़ के कुडमेल-कलहाजा-जाटलूर जंगल क्षेत्र में हुई नक्सल विरोधी कार्रवाई के दौरान सुरक्षाबलों ने वर्ष 2010 गवादि (जिला नारायणपुर) और 2017 बुरकापाल (जिला सुकमा) हमलों के बाद नक्सलियों द्वारा लूटे गए हथियारों को भी बरामद किया है. कुडमेल-कलहाजा-जाटलूर मुठभेड़ के बाद बरामद अन्य हथियारों की उत्पत्ति का पता लगाने के प्रयास जारी है.—————
/ राकेश पांडे
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