कोलकाता, 05 मई . कोलकाता नगर निगम (केएमसी) द्वारा शहर के विभिन्न रूफटॉप रेस्टोरेंट्स के खिलाफ की गई कार्रवाई पर विवाद गहराता जा रहा है. रेस्टोरेंट मालिकों ने नगर निगम की कार्रवाई को अनुचित बताते हुए कलकत्ता हाई कोर्ट में याचिका दायर की है. इस याचिका पर आज दोपहर जस्टिस गौरांग कांता की बेंच में सुनवाई की संभावना है.
रेस्टोरेंट मालिकों का कहना है कि उनके पास छत पर रेस्टोरेंट चलाने की पूरी अनुमति है, इसके बावजूद निगम बिना किसी पूर्व सूचना के रेस्टोरेंट्स को तोड़ने की कार्रवाई कर रहा है. मालिकों के अनुसार, अचानक हुई इस कार्रवाई से उनका कारोबार ठप होने की कगार पर पहुंच गया है और सैकड़ों कर्मचारियों के रोजगार पर भी खतरा मंडरा रहा है.
उल्लेखनीय है कि हाल ही में बड़ाबाजार इलाके के एक होटल में भीषण अग्निकांड हुआ था, जिसमें 14 लोगों की मौत हो गई थी. इस घटना के बाद राज्य सरकार ने शहर के होटल, रेस्टोरेंट और कैफे को लेकर सख्त कदम उठाए हैं. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि किसी भी इमारत की सीढ़ी या छत पर व्यवसाय नहीं चलाया जाएगा और इन हिस्सों को खाली रखना अनिवार्य होगा ताकि आपात स्थिति में सुरक्षित निकासी सुनिश्चित हो सके.
मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद नगर निगम ने कार्रवाई तेज कर दी. शनिवार को 83 रूफटॉप रेस्टोरेंट्स को नोटिस जारी कर तत्काल बंद करने का आदेश दिया गया. चेतावनी दी गई कि आदेश का पालन न करने पर रेस्टोरेंट्स को तोड़ दिया जाएगा. कुछ रेस्टोरेंट्स में तोड़फोड़ की कार्रवाई भी शुरू कर दी गई है.
रेस्टोरेंट मालिकों ने निगम की इस कार्रवाई को एकतरफा बताते हुए कहा है कि वे सभी आवश्यक लाइसेंस और अनुमतियां प्राप्त कर चुके हैं, फिर भी उनके व्यवसाय को बंद किया जा रहा है. इसी के विरोध में सोमवार को हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की गई, जिसे सुनवाई के लिए स्वीकार कर लिया गया है.
/ ओम पराशर
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