—लोको कैब प्रतियोगिता:बरेका एवं दक्षिण मध्य रेलवे लालागुड़ा शेड को मिला सर्वश्रेष्ठ कैब डिज़ाइन का पुरस्कार
वाराणसी,24 मई . बनारस रेल इंजन कारखाना (बरेका) में आयोजित दो दिवसीय 42वीं एम.एस.जी. (मेंटिनेंस सर्विस ग्रुप) बैठक एवं लोको कैब प्रतियोगिता का समापन शनिवार को हुआ. रेलवे बोर्ड के निर्देशन में हुई बैठक में विद्युत रेल इंजनों के रखरखाव, तकनीकी उन्नयन, लोको कैब की ड्राइवर फ्रेंडली डिज़ाइन और संचालन से जुड़ी चुनौतियों पर विचार-विमर्श किया गया. अन्तिम दिन बरेका के कीर्ति कक्ष, प्रशासन भवन में टेक्निकल सत्र-III में अपर सदस्य (कर्षण), रेलवे बोर्ड वी.पी. सिंह ने कर्मचारियों का उत्साह बढ़ाया. इस सत्र में देशभर से आये रेलवे अधिकारियों ने तकनीकी मुद्दों पर चर्चा की.
बैठक में विद्युत लोकोमोटिव में उत्पन्न होने वाली तकनीकी समस्याओं, संभावित समाधानों तथा ड्राइवर सुविधा बढ़ाने के लिए नवाचारों पर व्यापक चर्चा हुई. बताया गया कि ड्राइवर की सुविधा के लिए अब नए लोको में एसी एवं युरिनल की व्यवस्था की जा रही है. पुराने लोको में भी इन सुविधाओं को शीघ्र जोड़ा जाएगा. साथ ही वंदे भारत जैसी आरामदायक सीटें, एलईडी हेडलाइट, इलेक्ट्रिक वाइपर जैसी सुविधाओं को नये लोको में लगाया जाएगा. दिसंबर 2025 तक लगभग 10,000 लोको में कवच सुरक्षा प्रणाली लगाने का लक्ष्य रखा गया है.
इस अवसर पर बरेका महाप्रबंधक नरेश पाल सिंह ने अपर सदस्य कर्षण वी.पी. सिंह को स्मृति चिह्न भेंट कर सम्मानित किया.
लोको कैब प्रतियोगिता का आयोजन
इस अवसर पर बरेका परिसर में लोको कैब इंटीरियर डिज़ाइन प्रतियोगिता का आयोजन भी किया गया, जिसमें देशभर के ज़ोनल रेलवे और उत्पादन इकाइयों के कुल 14 विद्युत लोकोमोटिव ने प्रतिभाग किया. ड्राइवर कैब की सुविधा, डिज़ाइन और कार्यकुशलता के आधार पर इनका मूल्यांकन किया गया. प्रतियोगिता में उत्पादन इकाई श्रेणी में – बनारस रेल इंजन कारखाना (बरेका) को प्रथम पुरस्कार प्राप्त हुआ. क्षेत्रीय रेलवे श्रेणी में – दक्षिण मध्य रेलवे के लालागुड़ा शेड को प्रथम स्थान मिला. संयुक्त रूप से द्वितीय पुरस्कार – कानपुर, अजनी एवं वाल्टेयर शेड को मिला. संयुक्त रूप से तृतीय पुरस्कार – डीडीयू, हुबली एवं वडोदरा शेड को प्रदान किया गया. इस अवसर पर रेलवे बोर्ड द्वारा आयोजित सेफ्टी क्विज प्रतियोगिता, वेस्ट शेड प्रतियोगिता एवं लोको कैब प्रतियोगिता के विजेताओं को शील्ड एवं ट्रॉफी प्रदान कर पुरस्कृत किया गया. अन्तिम दिन एक विशेष प्रदर्शनी भी लगाई गई, जिसमें लोको पायलट की सुविधा एवं सुरक्षा के लिए नवाचारों को प्रदर्शित किया गया.
इस वर्ष के अंत तक देशभर में 100 फीसद रेलवे ट्रैक का विद्युतीकरण
अपर सदस्य (कर्षण), रेलवे बोर्ड वी.पी. सिंह ने बताया कि रनिंग स्टाफ के लिए रेलवे विश्रामगृहों में दो बेड वाले कमरे विकसित किए जा रहे हैं. उन्होंने बताया कि इलेक्ट्रिक ट्रैक्शन के 100 वर्ष पूर्ण होने पर इस वर्ष के अंत तक देशभर में 100फीसद रेलवे ट्रैक का विद्युतीकरण हो जाएगा. इसके अनुरूप इलेक्ट्रिक इंजनों की मांग में तीव्र वृद्धि हो रही है, जिसे पूरा करने के लिए उत्पादन इकाइयों और शेड का तेजी से विस्तार किया जा रहा है.
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/ श्रीधर त्रिपाठी
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