रांची, 16 अक्टूबर (Udaipur Kiran News) . कृषि मंत्री शिल्पी नेहा तिर्की ने कहा कि राज्य के किसानों को नई तकनीक से रिश्ता जोड़ने की जरूरत है.इसके तहत Jharkhand के किसान अब परंपरागत खेती के साथ-साथ नई तकनीक से खेती-बाड़ी कर आर्थिक रूप से स्वावलंबी बनेंगे. उन्होंने कहा कि किसान सप्ताह में एक दिन निश्चित रूप से प्रखंड कार्यालय जाएं. ताकि सरकारी योजना का लाभ ले सकें. कृषि मंत्री गुरूवार को आईसीएआर, गढ़खटंगा में विश्व खाद्य दिवस के अवसर पर आयोजित किसान गोष्ठी में बतौर मुख्य अतिथि बोल रही थीं.
मंत्री ने कहा कि आज लोग स्वस्थ एवं पौष्टिक भोजन के लिए मोटे अनाज को बड़े ही चाव से खा रहें है. यही कारण है कि राज्य में पहले 20 हजार हेक्टेयर में मडुआ की खेती होती थी. लेकिन विभाग की ओर से प्रति एकड़ तीन हजार रुपये प्रोत्साहन राशि दिए जाने के बाद से मड़ुआ की खेती अब 90 हजार हेक्टेयर तक पहुंच गई है.
उन्होंने कहा कि एफपीओ के साथ जुड़कर किसान मोटे अनाज के उत्पादन में बेहतर काम कर रहें हैं. भविष्य में Jharkhand में मिलेट कैफे खोलने पर काम चल रहा है. उन्होंने कहा कि विभाग का उद्देश्य मोटे अनाज के लिए किसानों को बेहतर बाजार उपलब्ध कराना है.
मौके पर कृषि के क्षेत्र में बेहतर काम करने वाली महिला किसानों को सम्मान के साथ-साथ बीज उपलब्ध कराया गया. उन्होंने कहा कि हम और आप भोजन के नाम पर क्या ग्रहण कर रहें है. इसकी पड़ताल भी जरूरी है. मसलन अत्यधिक खाद युक्त खाद्यान्न के सेवन से मनुष्य का अस्वस्थ होना तय है. अत्यधिक खाद के प्रयोग से मिट्टी की उर्वरक क्षमता भी कम होती है. मंत्री ने कहा कि आईसीएआर और बीएयू जैसे संस्थान कृषि के क्षेत्र में हर दिन कुछ नया कर रहे है.
कार्यक्रम में विशेष सचिव गोपाल तिवारी, प्रदीप हजारी, आईसीएआर निदेशक सुजय रक्षित, बीएयू के कुलपति डॉ सुनील चंद्र दुबे, अभिजीत कर, पुष्पा तिर्की, आईएचएम रांची के प्रधानाचार्य डॉ भूपेश कुमार, नाबार्ड डीजीएम गौरव कुमार सहित अन्य मौजद थे.
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(Udaipur Kiran) / Manoj Kumar
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