इंडोनेशिया के राष्ट्रपति प्रबोवो सुबियांतो ने जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए भीषण आतंकी हमले की कड़े शब्दों में निंदा की है। इस हमले ने न केवल भारत को झकझोरा, बल्कि वैश्विक स्तर पर शांति की जरूरत को फिर से उजागर किया। राष्ट्रपति ने साफ तौर पर कहा कि इंडोनेशिया में प्रचलित इस्लाम ऐसी हिंसक और अमानवीय गतिविधियों का समर्थन नहीं करता। उन्होंने इस दुखद घटना पर भारत के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त करते हुए एकजुटता का आश्वासन दिया। यह बयान न केवल दोनों देशों के बीच गहरे रिश्तों को दर्शाता है, बल्कि आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक एकता की जरूरत को भी रेखांकित करता है।
भारत के साथ कंधे से कंधा मिलाकर
राष्ट्रपति सुबियांतो ने इंडोनेशिया में तैनात भारतीय राजदूत संदीप चक्रवर्ती के साथ एक विशेष बैठक में यह बात कही। इस बैठक का मुख्य उद्देश्य पहलगाम हमले पर चर्चा करना और भारत को समर्थन देने की रणनीति तैयार करना था। उन्होंने जोर देकर कहा कि आतंकवाद किसी भी समस्या का समाधान नहीं है। हिंसा का रास्ता छोड़कर बातचीत ही एकमात्र रास्ता है जो शांति और समृद्धि की ओर ले जाता है। राष्ट्रपति का यह बयान उन लोगों के लिए एक कड़ा संदेश है जो हिंसा के जरिए अपनी बात मनवाने की कोशिश करते हैं।
वैश्विक शांति के लिए अपील
प्रबोवो सुबियांतो ने अपने बयान में वैश्विक समुदाय से आतंकवाद के खिलाफ एकजुट होने की अपील की। उन्होंने कहा कि आतंकवाद न केवल किसी एक देश की समस्या है, बल्कि यह पूरी मानवता के लिए खतरा है। इंडोनेशिया, जो एक विविध संस्कृति और धर्म वाला देश है, ने हमेशा शांति और सहिष्णुता का संदेश दिया है। राष्ट्रपति का यह बयान उसी दिशा में एक और कदम है। उन्होंने भारत के साथ मिलकर आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में हर संभव मदद का वादा किया।
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